सरदार के बोलने के बाद, कोई कैसे बोल सकता है। Ertugrul Ghazi
जब हमें बोलना भी नही आता था, तब भी हमारी हर एक बात समझ जाती थी माँ, और आज जब हम बोलना सीख गये, तो बात-बात पर बोलते हैं, छोड़ो आप नहीं समझोगे माँ |
मीठी बोली, मीठी जुबान, मकरसंक्रांति, का है ये ही, पैगाम |
जानु बोलने वाली लड़की, हो या ना हो पर ओये हिरो, बोलने वाली माँ जरूर है |
मीठी बोली, मीठी जुबान, ते मीठे ही पकवान, मेरी तरफ से आपको लोहरी का यही शुभ पैगाम |
मिशरी से मीठे नंद लाल के बोल, इनकी बाते है सबसे अनमोल, जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर, दिल खोल के जय श्री कृष्णा बोल…